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                *नीरज चोपड़ा(भारत का उसैन बोल्ट)* 


हरियाणा के  एक गांव से भारतीय खेलों के सबसे बड़े सितारों में नाम दर्ज कराने तक नीरज चोपड़ा का सफर इतना गौरवमयी रहा है कि वह प्रत्येक कदम पर  विजय की एक नई इबारत लिखते चले जा रहे हैं। नीरज चोपड़ा ने अपना वजन कम करने के लिए खेलना प्रारम्भ किया था और जैवलिन थ्रो में हाथ आजमाने की सोची और बाकी इतिहास है; जिसे स्कूली बच्चे शायद भविष्य में अपने पाठ्यक्रम की किताबों में पढ़ सकें।


खेलों के महासमर में एथलेटिक्स में लंबे समय से पदक का सपना संजोये भारत को रातों-रात एक चमकता सितारा मिल गया।

पूरा देश उसकी कामयाबी की चकाचौंध में डूब गया और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।


 *नीरज चोपड़ा का परिवार* 

नीरज चोपड़ा का परिवार वर्तमान समय में हरियाणा के पानीपत जिले के पास एक छोटे से गांव खद्रा में रहता है। उनके पिता सतीश चोपड़ा गांव के एक छोटे किसान हैं उनकी माता सरोज चोपड़ा एक गृहणी है। नीरज एक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका पूरा बचपन हरियाणा के गांव में बीता है।


इनके परिवार में कुल पांच भाई बहन है जिनमें नीरज सबसे बड़े है। इनकी दो बहने भी है अपने छोटे भाई बहनों के अलावा गांव के कुछ अन्य लड़कों को अपने गांव में नीरज अक्सर जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देते हैं।


 *नीरज चोपड़ा की शिक्षा* 

खेल में रुचि होने के साथ-साथ नीरज चोपड़ा पढ़ाई में भी काफी अच्छे थे उन्होंने हरियाणा में अपने गांव से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है। विभिन्न सूत्रों के अनुसार नीरज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद पानीपत के बीबीए कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।


आर्मी में नौकरी लगने और खेल के प्रति अधिक आकर्षण


होने के वजह से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री के आगे पढ़ाई नहीं की है।


 *नीरज चोपड़ा का एथिलीट करियर*


नीरज चोपड़ा का कैरियर 16 साल की उम्र से ही बेहतरीन तरीके से फल-फूल रहा है। जब नीरज चोपड़ा ने 2012 में अपने एथलीट करियर की शुरुआत की तब से लेकर अब तक उन्होंने लगातार इतिहास पर इतिहास रचा है।


नीरज चोपड़ा का एथलीट करियर साल 2012 में 16 साल की उम्र में शुरू होता है जब उन्होंने लखनऊ में आयोजित अंडर 16 नेशनल जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। यह पहला राष्ट्रीय गोल्ड मेडल था जिसके बाद उन्होंने लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने 2013 में नेशनल यूथ चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया और साल 2016 में पोलैंड में आयोजित आईएएस प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाया। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय खेल था जो अंडर 20 पर आधारित था। वहां उन्होंने विश्व जूनियर रिकॉर्ड स्थापित किया।

 इसके बाद नीरज चोपड़ा ने लगातार एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया। विश्व के अलग-अलग जगहों पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खुद का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और हर बार भारत का सर गर्व से ऊंचा किया। नीरज चोपड़ा 2018 में भारत के पहले एथलीट बने जिन्होंने एक ही साल में कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके अलावा उनका करियर 2020 के ओलंपिक को जीतने के बाद और भी बेहतरीन हो गया।

नीरज चोपड़ा भारतीय थल सेना में सूबेदार के पद पर कार्य करने वाले एक सैनिक है। इन्होंने गत वर्ष ओलंपिक 2020 में भारत को जेवलिन थ्रो या भाला फेंक के खेल में स्वर्ण पदक जितवाया है। इसके अलावा जुलाई 2022 में उन्होंने विश्व एथलीट चैंपियनशिप में 88 मीटर भाला फेंककर इस प्रतियोगिता में जीतने वाले दूसरे भारतीय और पहले पुरुष भारतीय बनकर एक और इतिहास रचा है।

ओलंपिक, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और डायमंड लीग ख़ितताब अपने नाम करने के साथ, भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने बहुत कम उम्र में ही इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया है।


भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी टोक्यो 2020 में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले और एकमात्र ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने। दो साल बाद, उन्होंने बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया और किसी भी एथलेटिक्स डिसिप्लिन में भारत के पहले विश्व चैंपियन बने।


टोक्यो 2020 में नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक, बीजिंग 2008 में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के 10 मीटर एयर राइफल में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भारत का दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक भी था।

*वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता* 

नीरज चोपड़ा ने 27अगस्त  2023 को हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में  भाला फेंक इवेंट में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया है। और हम सभी को उनके ऊपर गर्व है  यह भारत के लिए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के ट्रैक एंड फील्ड कैटेगरी में पहला गोल्ड है. नीरज इस कैटेगरी में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इससे पहले अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में लॉन्ग जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. जबकि नीरज ने 2022 चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. हंगरी के बुडापेस्ट में  वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंम्पियनशिप में नीरज ने 88 मीटर से ज्यादा भाला फेंककर गोल्ड अपने नाम किया. ओलंपिक गोल्ड से लेकर वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड तक, नीरज के पास अब सब कुछ है. दुआएं और मेहनत हिंदुस्तान के इस हीरो को कामयाबी के ऐसे शिखर पर पहुंचा चुकी हैं, जहां अब तक कोई भारतीय नहीं पहुंचा पाया है।

नीरज पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भी क्वालिफाई कर चुके हैं. पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक खेला जाएगा.


 *नीरज चोपड़ा ने कर ली अभिनव बिंद्रा की बराबरी* 


पिछली वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2022 में   अमेरिका में आयोजित हुई थी, जिसमें नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता था और इस बार 2023 में वे यहां गोल्ड मेडल के दावेदारों में शुमार थे. उन्होंने दमदार प्रदर्शन कर इस बार गोल्ड अपने नाम किया. इसी के साथ नीरज ने ओलंपिक और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप दोनों में गोल्ड जीतने वाले भारतीय दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है.

अभिनव ने ओलंपिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप दोनों ही टूर्नामेंट के व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था और वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं. बिंद्रा 2008 ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. उन्होंने 2006 की वर्ल्ड चैम्पियनशिप की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भी गोल्ड जीता था.

 *नीरज चोपड़ा के कोच* 

जर्मनी देश के उवे होह्न नीरज चोपड़ा के कोच हैं। वे जर्मनी देश के एक पेशेवर जैवलिन थ्रो खिलाड़ी रह चुके है। जब नीरज चोपड़ा ने नेशनल लेवल पर जीत हासिल की तब मिलिट्री  के तरफ से उन्हें उवे के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला। नीरज अपने एक इंटरव्यू में बताते है कि उवे एक बेहतरीन कोच है जिन्होंने इनकी गलतियों के बारे में इन्हें बताया और भाला फेंकने की कला में और बेहतर बनाने में मदद किया। 


जर्मनी के उवे होह्न  ने नीरज चोपड़ा को 2017 से 2018 तक कड़ी ट्रेनिंग दी है। उवे वर्तमान समय में विश्व के एकमात्र ऐसे भाला फेंक खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1984 में बीजिंग के एक खेल में 104.8 मीटर दूर भाला फेंककर विश्व रिकार्ड कायम किया था, जिसे आज तक किसी ने नहीं तोड़ा है। उवे होन का कहना है कि अगर उनके शिष्य नीरज चोपड़ा इस रिकॉर्ड को तोड़ते है तो उन्हें काफी खुशी होगी।


 *नीरज चोपड़ा वर्ल्ड रैंकिंग –*

  स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा की जैवलिन थ्रो रैंकिंग  में काफी जबरदस्त उछाल आया है नीरज चोपड़ा 1455 अंकों के साथ  नंबर-1 पर पहुंच गए हैं जो हर एक भारतीयों के लिए गौरव की बात है |


*डायमंड लीग 2023* 

16 सितंबर 2023 को संयुक्त राज्य अमेरिका के यूजीन में आयोजित डायमंड लीग 2023 में

भारत के भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा 83.80 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। 

नीरज चोपड़ा पिछले साल डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय बनें थे, लेकिन इस बार भारतीय स्टार भाला फेंक हेवर्ड फील्ड में अपने खिताब को डिफेंड नहीं कर सके। 


 राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (89.94 मीटर) नीरज चोपड़ा ने इससे पहले इसी वेन्यू पर 88.13 मीटर के प्रयास के साथ विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।

यूजीन में फाइनल तक पहुंचने से पहले नीरज चोपड़ा ने 2023 डायमंड लीग सीरीज़ के दोहा और लुसाने चरण में जीत हासिल की थी, लेकिन ज्यूरिख में उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।


उन्होंने तीन स्पर्धाओं में 23 अंकों के साथ डायमंड लीग फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।


इस सीज़न में नीरज चोपड़ा का डायमंड लीग फाइनल आखिरी प्रदर्शन था। अब वह इस महीने के अंत में हांगझोऊ में शुरू होने वाले एशियाई खेल 2023 में अपने ख़िताब का बचाव करते हुए नज़र आएंगे।


नीरज चोपड़ा की कामयाबी का सिलसिला बदस्तूर जारी है और हम सभी भारतवासी ये आशा करते हैं कि नीरज चोपड़ा आने वाले भविष्य में भी देश को कई गौरवमयी क्षण प्रदान करेंगे।